Wednesday, July 22, 2020
कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध || Essay On "Krishna Janmashtami" || Simple Ja...
प्रस्तावना:- जन्माष्टमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
जन्म अष्ठमी की तैयारी:- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों को विशेष तौर से सजाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने का विधान है। इस दिन मन्दिरों में श्रीकृष्ण जी की सुंदर-सुंदर झाकिया बनाई जाती है। श्रीकृष्ण जी को झूले पर विठाया जाता है। उन्हें झूला दिया जाता है। कहि कहि रासलीला का आयोजन किया जाता है। रात ठीक 12 बजे श्रीकृष्ण जी की आरती की जाती है और प्रसाद बाटा जाता है।
जन्माष्ठमी दही हांडी उत्सव:- जन्माष्टमी के दिन देश में अनेक जगह दही-हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। दही-हांडी प्रतियोगिता में सभी जगह के बाल-गोविंदा भाग लेते हैं। छाछ-दही आदि से भरी एक मटकी रस्सी की सहायता से आसमान में लटका दी जाती है और बाल-गोविंदाओं द्वारा मटकी फोड़ने का प्रयास किया जाता है। दही-हांडी प्रतियोगिता में विजेता टीम को उचित इनाम दिए जाते हैं। जो विजेता टीम मटकी फोड़ने में सफल हो जाती है वह इनाम का हकदार होती है।
जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है : - जब कंश का पाप और धरती पर अत्याचार अत्यधिक बड़ गया तब उसका सर्वनाश करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने भगवान विष्णु जी के आठवे अवतार के रूप में धरती पर जन्म लिया था।
उपसंहार:- इस प्रकार श्रीकृष्ण जन्म जन्माष्टमी बहुत ही धूम धाम और हर्षोउल्लास से मनाने वाला त्योहार है। हमे भागवत गीता में दिए गए श्रीकृष्ण के उपदेशो का पालन करना चाहिए और इन्हें अपनाना चाहिए।
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