Sunday, May 3, 2020
मदर्स डे पर निबंध || मातृ दिवस पर निबंध || Mother's Day Essay in Hindi...
मदर्स डे पर निबंध – मातृ दिवस पर निबंध – Mother Day Essay in Hindi
मातृ दिवस का मतलब होता है मां का दिन। पूरी दुनिया में मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करना है। हर जगह मातृ दिवस मनाने का तरीका अलग-अलग होता है, लेकिन इसका उद्देश्य एक ही होता है।
मातृ दिवस
मातृ दिवस मनाने का शुरुआत सर्वप्रथम ग्रीस देश में हुई थी, जहां देवताओं की मां को पूजने का चलन शुरु हुआ था। इसके बाद इसे त्योहार की तरह मनाया जाने लगा। हर मां अपने बच्चों के प्रति जीवन भर समर्पित होती है। मां के त्याग की गहराई को मापना भी संभव नहीं है और ना ही उनके एहसानों को चुका पाना। लेकिन उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता को प्रकट करना हमारा कर्तव्य है।
मां के प्रति इन्हीं भावों को व्यक्त करने के उद्देश्य से मातृ दिवस मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से मां के लिए समर्पित है। इस दिन को दुनिया भर में लोग अपने तरीके से मनाते हैं। कहीं पर मां के लिए पार्टी का आयोजन होता है तो कहीं उन्हें उपहार और शुभकामनाएं दी जाती है। कहीं पर पूजा अर्चना तो कुछ लोग मां के प्रति अपनी भावनाएं लिखकर जताते हैं।
मदर्स डे एक ऐसा दिन होता है जो हर बच्चा अपनी माँ के लिये खासतौर से मनाता है। ये एक महत्वपूर्णं उत्सव के तौर पर हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। स्कूलों में बच्चों के साथ मातृ-दिवस मनाने का प्रचलन है। अपने बच्चों के द्वारा माँ ग्रीटिंग्स कार्ड, विशिंग कार्ड तथा दूसरे खास उपहार प्राप्त करती है। इस दिन पारिवारिक सदस्य बाहर जाकर लज़ीज़ पकवानों का लुफ्त उठाते है तथा और खुशी मनाते है। माँ भी अपने प्यारे बच्चों को ढ़ेर सारा प्यार और उपहार तथा देख-भाल करती है।
स्कूल आने के लिये बच्चों के द्वारा खासतौर से अपनी माँ को आमंत्रित किया जाता है जहाँ पर शिक्षक, बच्चे और माँ मातृ-दिवस को खूब अच्छे से मनाते है। माँ अपने बच्चों के लिये उनकी पसंद के मुताबिक मैक्रोनी, चाउमीन, मिठाई, बिस्किट आदि जैसे कुछ खास पकवान बनाती है। इस दिन को पूरी मस्ती के साथ मनाने के लिये माँ और बच्चे दोनों नृत्य, गायन, भाषण आदि जैसे क्रिया-कलापों में भी भाग लेते है। मातृ-दिवस से संबंधित कार्यक्रमों जैसे गायन, नृत्य, भाषण, तुकबंदी व्याख्यान, निबंध लेखन तथा मौखिक बातचीत आदि में बच्चे भाग लेते है। उत्सव के समापन पर माताओं के द्वारा बनाया गया खास पकवान शिक्षकों और विद्यार्थियों को परोसा जाता है। सभी एकसाथ इसको खाते है और इसका आनन्द उठाते है।
हमारी माँ बहुत खास होती है। थकी हुई होने के बावजूद वह हमारे लिये हमेशा मुस्कुराती रहती है। रात में सोते समय वह हमें बहुत सारी कविताएँ और कहानियाँ सुनाती है। माँ हमारे गृह-कार्य, प्रोजेक्ट और परीक्षा के समय बहुत मदद करती है। वह हमारे स्कूल ड्रेस का ध्यान रखती है। वह हमें सिखाती है कि खाना खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धो लेना चाहिये। वह हमें अच्छा शऊर, शिष्टाचार, नैतिकता, इंसानियत और हमेशा दूसरो की मदद करना सिखाती है। वह हमारे पिता, दादा-दादी और छोटी बहन का ध्यान रखती है। हम सभी उनको बहुत प्यार करते है और हर सप्ताह उन्हें बाहर घुमाने ले जाते है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment