Sunday, April 26, 2020
मज़दूर दिवस पर निबंध || Simple & Short Essay on Labour Day in Hindi || L...
मज़दूर दिवस पर निबंध- Essay on Labour Day in Hindi
प्रस्तावना
विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस “1 मई” के दिन मनाया जाता है। किसी भी देश की तरक्की उस देश के किसानों तथा कामगारों (मजदूर / कारीगर) पर निर्भर होती है। किसी समाज, देश, उद्योग, संस्था, व्यवसाय को खड़ा करने के लिये कामगारों (कर्मचारीयों) की विशेष भूमिका होती है।
मजदुरों के बिना किसी भी देश का विकास नहीं किया जा सकता है और न हीं कोई उद्योग कार्य कर सकता है। मजदुर दिवस को श्रमिक दिवस और मई डे के नाम से भी जाना जाता है। यह ज्यादातर 1 मई को मनाया जाता है।
अधिकांश देशों में यह सार्वजनिक अवकाश का दिन है। यह 1 मई को 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है। कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका सितंबर के पहले सोमवार को इसे मनाते हैं। इस तिथि को मनाने के लिए कई देशों की अपनी अलग-अलग तिथि है। हालांकि उत्सव को मनाने का कारण एक समान रहता है और वह श्रम वर्ग की कड़ी मेहनत का जश्न मनाने के लिए है।
मजदूर दिवस की उत्पत्ति
इसकी शुरूआत अमेरिका के शिकागो की हेय मार्केट से हुई 1 मई, 1886 से हुई थी। वहाँ के मजदुरों ने कार्य करने के सीमा 10-12 घंटे तक हटाकर 8 घंटे करने के लिए हड़ताल की थी। उस दिन पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों से सात लोगों की मौत हुई। लेकिन अंत में मजदुरों की माँग मान ली गई थी।
भारत में मजदूर दिवस –
1923 में भारत में मजदुर दिवस पहली बार चैन्नई में मनाया गया था। यह उत्सव भारतीय श्रमिक किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा मद्रास में आयोजित किया गया था। इस दिन कॉमरेड सिंगारवेलियर ने राज्य में विभिन्न स्थानों पर दो बैठकें आयोजित कीं। इनमें से एक का आयोजन ट्रालीकलान बीच पर किया गया था और दूसरी को मद्रास हाई कोर्ट के समीप समुद्र तट पर व्यवस्थित किया गया था। उन्होंने एक संकल्प पारित कर कहा कि सरकार को इस दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा करनी चाहिए।
महाराष्ट्र राज्य में 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और गुजरात में इसे गुजरात दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका कारण यह है कि 1960 में इसी दिन महाराष्ट्र और गुजरात को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था।
भारत में मजदूर दिवस – उत्सव
बहुत संघर्ष के बाद श्रमिकों को उनके अधिकार दिए गए थे। जिन्होंने इस दिवस के लिए कड़ी मेहनत की उन्होंने इसके महत्व को और अधिक बढ़ा दिया। इस दिन का उनके लिए विशेष महत्व था। इस प्रकार अधिकांश देशों में श्रम दिवस समारोह ने शुरू में अपने संघ के उन नेताओं को सम्मान देने का काम किया जिन्होंने इस विशेष दिन का दर्जा हासिल किया और दूसरों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। प्रमुख नेताओं और श्रमिकों द्वारा एक साथ प्रसन्नता के साथ समय बिताने पर भाषण दिए जाते हैं।
ट्रेड यूनियन मजदूरों की टीम के लिए विशेष लंच और रात्रिभोज या संगठित पिकनिक और आउटिंग आयोजित करते हैं। कार्यकर्ताओं के अधिकारों का जश्न मनाने के लिए अभियान और परेड आयोजित की जाती हैं। पटाखे भी जलाए जाते हैं।
जहाँ कई संगठन और समूहों द्वारा इस दिन पर लंच और पिकनिक और ट्रेड यूनियनों द्वारा अभियान तथा परेड आयोजित किए जाते हैं वहीँ कई लोग इस दिन को बस आराम करने और फिर से जीवंत करने के अवसर के रूप में देखते हैं। वे अपने लंबित घरेलू कार्यों को पूरा करने में समय व्यतीत करते हैं या अपने दोस्तों और परिवार के साथ बाहर जाते हैं।
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