Wednesday, January 22, 2020

बसंत पंचमी पर निबंध || Hindi Essay on Basant or Vasant Panchami (Festival)






बसंत पंचमी पर निबंध

हमारे देश में बसंत पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती को विद्या की देवी भी कहा जाता है। यह पूजा माघ महीने के शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है। यह पर्व जनवरी या फरवरी माह में आता है।

सरस्वती पूजा के दिन विद्यार्थी और बहुत सारे लोग मां सरस्वती की वंदना करते हैं। बहुत सारे स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की प्रतिमा बैठाई जाती है और पूजा की जाती है। छात्र और छात्राएं सरस्वती पूजा के दिन सुबह-सुबह नहा-धोकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं और फिर प्रसाद ग्रहण करते हैं।

बसंत पंचमी पर हमारी फसलें-गेहूँ, जौ, चना आदि तैयार हो जाती हैं इसलिए इसकी खुशी में हम बसंत पंचमी का त्योहार मनाते हैं। संध्या के समय बसंत का मेला लगता है जिसमें लोग परस्पर एक-दूसरे के गले से लगकर आपस में स्नेह, मेल-जोल तथा आनंद का प्रदर्शन करते हैं। कहीं-कहीं पर बसंती रंग की पतंगें उड़ाने का कार्यक्रम बड़ा ही रोचक होता है। इस पर्व पर लोग बसंती कपड़े पहनते हैं और बसंती रंग का भोजन करते हैं तथा मिठाइयाँ बाँटते हैं। बसंत पंचमी, ज्ञान, संगीत और कला की देवी, 'सरस्वती' की पूजा का त्यौहार है। इस त्यौहार में बच्चों को हिंदू रीति के अनुसार उनका पहला शब्द लिखना सिखाया जाता है। हर कोई बहुत मज़े और उत्साह के साथ इस त्यौहार का आनंद लेता है।

बसंत पंचमी का दिन हिन्दू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व रखता है बसंत पंचमी के दिन से ऋतू बदल जाती है और इसी दिन से बसंत का मौसम शुरू हो जाता है बसंत पंचमी सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है।

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