रामनवमी पर निबंध 2020 – Ram Navami Nibandh in Hindi – Ram Navami Festival Essay
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को रामजन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राम जी के जन्म पर्व के कारण ही इस तिथि को रामनवमी कहा जाता है।
राम जन्म कथा
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम चन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था।
रामनवमी त्यौहार का महत्व
हिन्दू लोगों के लिए रामनवमी त्यौहार का बहुत ही बड़ा महत्व है। कहा जाता है रामनवमी की पूजा करने वाले व्यक्ति के जीवन से सभी बुरी शक्तियां दूर होती हैं और दैवीय शक्ति मिलती है। रामनवमी का त्यौहार की पूजा सबसे पहले सवेरे सूर्य देव को पानी चढ़ा कर शुरू होता है।
राम नवमी के दिन जगह-जगह घरों और मंदिरों में श्री राम की पूजा-अर्चना की जाती है और झांकियां सजाई जाती हैं। हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा अयोध्या (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी (बिहार), रामेश्वरम (तमिलनाडु), भद्राचलम (आंध्रप्रदेश) आदि स्थलों पर राम नवमी के भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है।
कुछ स्थानों (जैसे- अयोध्या, वाराणसी आदि) पर, भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की रथ यात्रा अर्थात् जुलूस (शोभा यात्रा) को हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा पवित्र नदी गंगा या सरयू में प``वित्र डुबकी लेने के बाद निकाला जाता है।
श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में इस पर्व को बेहद हर्षोल्ललास के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के समय अयोध्या में भव्य मेले का आयोजन होता है, जगह-जगह राम लीला का आयोजन किया जाता है |
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