Sunday, March 1, 2020

महिला दिवस पर निबंध हिंदी में || Essay on International Women’s Day || M...







अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है | समाज में महिलाओं को सम्मान देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को पूरे विश्व में मनाया जाता है। लैंगिक समानता लाने के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण बहुत जरूरी है। सोशल, राजनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है | अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वह दिन है जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए समर्पित हैं। इस दुनिया में महिलाओं के बिना जीवन संभव नहीं है। महिलाओं में देखभाल, स्नेह, और अंतहीन प्यार करने की विशेष भावनाएं शामिल होती हैं।

एक महिला होने के नाते महिलाओं के लिए एक खास दिन होना अच्छा लगता है जहाँ उन्हें सराहा और सम्मानित किया जा सके लेकिन मुझे लगता है कि महिला का सम्मान सिर्फ महिला होने के कारण ही नहीं होना चाहिए बल्कि इसलिए भी क्योंकि उनकी खुद अपनी व्यक्तिगत पहचान है। वे समाज की भलाई में समान रूप से योगदान करती हैं। वह बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और अपने घर को भी कुशलतापूर्वक प्रबंधित करती है। प्रत्येक महिला को अपना महत्व समझना चाहिए और उनमें अपनी प्रगति के लिए प्रयास करने का साहस होना चाहिए|

आज की महिला अब एक आश्रित नारी नहीं है। वह स्वतंत्र और आत्मनिर्भर है और हर चीज करने में सक्षम है। चलिए उनके अस्तित्व के महत्व को पहचानें और भविष्य की उपलब्धियों के लिए उन्हें प्रेरित करें।


अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में न्यूयॉर्क से हुई थी, इसके बाद साल 1910 में क्लारा जेटकिन ने कामकाजी महिलाओं के एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इस दिन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का सुझाव दिया. इसके बाद 1917 में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने तंग आकर खाना और शांति (ब्रेड एंड पीस) के लिए विरोध प्रदर्शन किया. रूसी महिलाओं ने जिस दिन इस हड़ताल कि शुरुआत की थी, वह दिन 28 फरवरी था और ग्रेगेरियन केलेण्डर में यह दिन 8 मार्च था, तब ही से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा.



महिला दिवस का उद्देश्य

महिला दिवस मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिला और पुरुषो में समानता बनाए रखना है. आज भी दुनिया में कई हिस्से ऐसे है, जहां महिलाओं को समानता का अधिकार उपलब्ध नहीं है. नौकरी में जहां महिलाओं को पदोन्नति में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, वहीं स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाए आज भी पिछड़ी हुई है.

कई देशों में अब भी महिलाएं शिक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से पिछड़ी हुई है. इसके अलावा महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले भी अब भी देखे जा सकते है. महिला दिवस मनाने के एक उद्देश्य लोगों को इस संबंध में जागरूक करना है.





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