Monday, March 16, 2020

मोरारजी देसाई पर निबंध || Simple & Short Essay on Morarji Desai || Morar...







मोरारजी देसाई


मोरारजी देसाई (29 फ़रवरी 1896 – 10 अप्रैल 1995) भारत के स्वाधीनता सेनानी और देश के छ्ठे प्रधानमंत्री (सन् 1977 से 79) थे। वह 81 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। वही एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न एवं पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है।

प्रारंभिक जीवन

'मोरारजी देसाई' का जन्म 29 फ़रवरी 1896 को गुजरात के भदेली नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम रणछोड़जी देसाई था जो भावनगर (सौराष्ट्र) में एक स्कूल अध्यापक थे।

शिक्षा

मोरारजी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सौराष्ट्र के ‘द कुंडला स्कूल’ में ग्रहण की । मुंबई के विल्सन कॉलेज से स्त्नातक करने के बाद वो गुजरात सिविल सेवा में शामिल हो गए।

स्वाधीनता आन्दोलन और राजनीतिक जीवन

सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद मोरारजी देसाई स्वाधीनता आन्दोलन में कूद पड़े। इसके बाद उन्होंने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में अंग्रेजों के विरूद्ध ‘सविनय अवज्ञा’ आन्दोलन में भाग लिया। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान मोरारजी कई बार जेल गए।

प्रधानमंत्री पद (1977-1979)

मार्च 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ इस प्रकार 81 वर्ष की उम्र में मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री बने। मोरारजी देसाई ने पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान और चीन से रिश्ते सुधारने की दिशा में पहल किया। उन्होंने चीन के साथ राजनयिक संबंधो को बहाल किया और इंदिरा गाँधी सरकार द्वारा किये गए बहुत सारे संवैधानिक संशोधनों को उनके मूल रूप में वापस कर दिया।

1979 में राज नारायण और चौधरी चरण सिंह ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया तब मात्र दो साल की अल्प अवधि में ही मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा।

निधन

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद मोरारजी देसाई ने 83 साल की उम्र में राजनीति से संन्यास ले लिया और मुंबई में रहने लगे। 10 अप्रैल 1995 को 99 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया।

No comments:

Post a Comment