Tuesday, March 17, 2020

डॉ भीमराव अम्बेडकर पर निबंध || Simple & Short Essay on Dr. B.R. Ambedkar...






डॉ भीमराव अम्बेडकर पर निबंध

डॉ बी. आर. अम्बेडकर एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री, कानूनविद, राजनेता और सामाज सुधारक थे। डा० अंबेडकर ने भारत के संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी माना जाता है। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बने। बाबा साहेब डा० भीमराव रामजी अंबेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया।



प्रारंभिक जीवन

'डा० बी०आर० अंबेडकर' का पूरा नाम डा० भीमराव रामजी अंबेडकर था। डा० अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मऊ, मध्य प्रदेश, भारत में हुआ था वे रामजी मालोजी सकपाल एवं भीमाबाई की संतान थे। डा० अंबेडकर को 'बाबा साहेब' के नाम से भी लोकप्रियता प्राप्त हुई।

शिक्षा


प्रारम्भिक शिक्षा में उन्हें बहुत अधिक अपमानित होना पड़ा । वे एक प्रतिभाशाली छात्र थे । 1907 में मैट्रिक व 1912 में बी०ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की । बड़ौदा के महाराज की ओर से कुछ मेधावी छात्रों को विदेश में पढ़ने की सुविधा दी जाती थी, सो अम्बेडकर को यह सुविधा मिल गयी ।

अम्बेडकर ने 1913 से 1917 तक अमेरिका और इंग्लैण्ड में रहकर अर्थशास्त्र, राजनीति तथा कानून का गहन अध्ययन किया । पी०एच०डी० की डिग्री भी यहीं से प्राप्त की । बड़ौदा नरेश की छात्रवृत्ति की शर्त के अनुसार उनकी 10 वर्ष सेवा करनी थी ।उन्हें सैनिक सचिव का पद दिया गया । सैनिक सचिव के पद पर होते हुए भी उन्हें काफी अपमानजनक घटनाओं का सामना करना पड़ा ।अपमानित होने पर उन्होंने यह पद त्याग दिया ।

बम्बई आने पर भी छुआछूत की भावना से उन्हें छुटकारा नहीं मिला । यहां रहकर उन्होंने ”वार एट लॉं’ की उपाधि ग्रहण की । 

उनके कार्य

बचपन से लगातार छुआछूत और सामाजिक भेदभाव का घोर अपमान सहते हुए भी उन्होंने वकालत का पेशा अपनाया । छुआछूत के विरुद्ध लोगों को संगठित कर अपना जीवन इसे दूर करने में लगा दिया । सार्वजनिक कुओं से पानी पीने व मन्दिरों में प्रवेश करने हेतु अछूतों को प्रेरित किया । अम्बेडकर हमेशा यह पूछा करते थे- ”क्या दुनिया में ऐसा कोई समाज है जहां मनुष्य के छूने मात्र से उसकी परछाई से भी लोग अपवित्र हो जाते हैं?”

डॉ० अम्बेडकर ने अछूतोद्धार से सम्बन्धित अनेक कानून बनाये । 1947 में जब वे भारतीय संविधान प्रारूप निर्माण समिति के अध्यक्ष चुने गये, तो उन्होंने कानूनों में और सुधार किया ।

उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तकों में 
(1) द अनटचेबल्स हू आर दे?, 
(2) हू वेयर दी शूद्राज, 
(3) बुद्धा एण्ड हीज धम्मा, 
(4) पाकिस्तान एण्ड पार्टिशन ऑफ इण्डिया तथा 
(5) द राइज एण्ड फॉल ऑफ हिन्दू वूमन प्रमुख हैं । 
इसके अलावा उन्होंने 300 से भी अधिक लेख लिखे । भारत का संविधान भी उन्होंने ही लिखा ।

निधन
डा० अंबेडकर का देहांत 6 दिसंबर, 1956 को 65 वर्ष की उम्र में दिल्ली, भारत में हुआ। उनकी याद में प्रति वर्ष उनके जन्मदिन 14 अप्रैल को 'अंबेडकर जयंती' के रूप में सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है। 20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक, यशस्वी वक्ता, स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री तथा भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता के रूप में डा० भीमराव रामजी अंबेडकर का नाम सदैव याद किया जायेगा।

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